लखनऊ विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग ने आज एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में “संजीवनी – हर्बल गार्डन” का उद्घाटन किया। इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने इस हर्बल गार्डन को शैक्षणिक गतिविधियों के लिए औपचारिक रूप से समर्पित किया और रूद्राक्ष का पौधा रोपित कर समारोह की शुरुआत की।
यह उद्यान कुलपति के संरक्षण और विभागाध्यक्ष प्रो. गौरी सक्सेना के सक्षम मार्गदर्शन में विकसित किया गया है। इसका उद्देश्य औषधीय एवं सुगंधित पौधों के प्रति जागरूकता, शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देना है, जिससे सतत विकास और पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण में योगदान मिल सके।
इस हरित पहल को सीएसआईआर-सिमैप (CSIR-CIMAP), लखनऊ के सहयोग से मूर्त रूप दिया गया है। उद्यान में कालमेघ, विधारा, नागदौन, हड़जोड़, स्टीविया, शादाब, सर्पगंधा, मुलेठी, शालपर्णी जैसी महत्वपूर्ण और दुर्लभ औषधीय एवं सुगंधित पौधों का संग्रह किया गया है। इसके अतिरिक्त यहाँ तुलसी की सात किस्में जैसे कपूर तुलसी, पान तुलसी, वन तुलसी, शिशिर तुलसी आदि भी लगाई गई हैं।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए माननीय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि ऐसे प्रयास पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के संरक्षण और उन्हें आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जोड़ने में सहायक सिद्ध होते हैं। प्रो. गौरी सक्सेना ने माननीय कुलपति, प्रो. आलोक कुमार राय, सीएसआईआर-सिमैप के निदेशक डॉ. प्रभोध कुमार त्रिवेदी एवं उनकी टीम, विज्ञान संकाय की अधिष्ठाता प्रो. शीला मिश्रा, ग्राउंड एंड गार्डन अधीक्षक प्रो. एस. एन. पांडे, सभी शिक्षकगण, उद्यान एवं कार्यालय स्टाफ के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग का लक्ष्य इस उद्यान को शिक्षण और नवाचार का एक केंद्र बनाना है। इस समारोह में विभिन्न संकायों के सम्मानित शिक्षकगण भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।